बस्तर,जगदलपुर:- छतीसगढ़ के बस्तर संभाग के सात जिलों में से प्रत्येक जिले में इस स्पेशल फोर्स के 300 जवान नक्सलियों से जंग के लिए खास तौर पर तैयार किए जाएंगे. इसके पहले माओवादियों के विरूद्ध प्रभावी अभियानों के लिए नक्सल प्रभावित जिलों में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) प्रभावी रूप से काम कर रही है.
Transgender will involved in war with mioists: गौरतलब है कि साल 2021 के बजट में छतीसगढ़ राज्य शासन द्वारा बस्तर संभाग के 07 जिलों सुकमा, बीजापुर, दन्तेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कोन्डागांव एवं कांकेर में बस्तर फाईटर बल गठन को मंजूरी दी गई है. बस्तर पुलिस के आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया कि बस्तर संभाग के अंदरूनी वनांचल क्षेत्र के युवाओं और युवतियों को बस्तर की शांति, सुरक्षा एवं विकास में भागीदारी का अधिक से अधिक मौका देने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय के दिशा-निर्देश में भर्ती की प्रक्रिया पूरी होगी.
छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित 16 सितम्बर 2021 छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक बल (बस्तर फाईटर्स), फाईटर आरक्षक सेवा (भर्ती एवं सेवा की शर्ते) नियम में दिये गये प्रावधानों के अनुसार बस्तर संभाग अंतर्गत 07 जिले में बस्तर फाईटर्स आरक्षक पद के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए कुल 53,336 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें 15822 महिलाएं और 16 ट्रांसजेंडर हैं.
Transgender will involved in war with mioists:पहले चरण में 9 से 21 मई तक सभी जिला मुख्यालय में संबंधित जिला बस्तर फाईटर्स आरक्षक पद हेतु प्रमाण पत्रों की जांच के साथ शारीरिक नापतौल और शारीरिक प्रवीणता संबंधी परीक्षा कराई जाएगी. इसके बाद योग्य अभ्यर्थियों के लिए 5 जून को सुबह 10 से 12 बजे तक लिखित परीक्षा का आयोजन होगा. लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों का 24 जून से 30 जून तक संबंधित जिला मुख्यालय में इंटरव्यू होगा. 15 जुलाई को जिलेवार अंतिम चयन सूची प्रकाशित की जाएगी.
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डीआरजी का प्रयोग जिलों में संचालित नक्सल विरोधी अभियान में बतौर स्पेशल फोर्स के रूप में हो रहा है. कोर एरिया में संचालित अभियानों में डीआरजी लीड रोड में रहती है. डीआरजी में पूर्व नक्सली भी शामिल हैं जो नक्सली रणनीतियों से पूरी तरह वाकिफ होते हैं और लाल आतंक खिलाफ कार्रवाई में अहम भूमिका निभाते हैं.
Transgender will involved in war with mioists: नक्सल प्रभावित जिलों में काफी साल पहले शुरू किए गए डीआरजी (DRG) में इस समय कुल 1160 पद हैं. यह प्रमुख रूप से सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में काम करता है. इलाके की खुशहाली और सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य से डीआरजी फोर्स द्वारा बस्तर संभाग के अंतर्गत बेहतरीन काम हो रहा है.
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