ये 2023 का भारत है… 5 दिनों से अस्पताल में नहीं थी बिजली, टॉर्च जलाकर डॉक्टरों को करना पड़ा इलाज

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बस्तर: Treatment Based On Mobile Light छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों को घायल मरीजों का इलाज फोन की फ्लैशलाइट से करना पड़ा, क्योंकि शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लगने से इमारत में बीते पांच दिनों से बिजली नहीं है।

अस्पताल में नहीं थी बिजली

Treatment Based On Mobile Light बता दें कि किलेपाल में शुक्रवार शाम ट्रक और बस की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हो गए थे। घायलों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन पहुंचने पर पता चला कि वहां बिजली ही नहीं है। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर थी और उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिमारापाल मेडिकल कॉलेज भेजना पड़ा। अस्पताल की एम्बुलेंस भी बुलाने के बावजूद घटना स्थल पर नहीं पहुंची थी और घायलों को अस्पताल के पास रहने वाले चित्रकोट विधायक राजमन बेंजामिन और बास्तानार गांव के तहसीलदार के वाहनों में हॉस्पिटल ले जाया गया था।

परिजनों ने कार्रवाई की मांग की

Treatment Based On Mobile Light हादसे में घायल यात्रियों के परिजनों ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी परिजनों का समर्थन किया और कहा कि पूरे बास्तानार ब्लॉक में यह एकमात्र बड़ा हॉस्पिटल है, जिस पर क्षेत्र के सभी ग्रामीण निर्भर हैं।

Treatment Based On Mobile Light

Treatment Based On Mobile Light इस मामले को लेकर विधायक राजमन बेंजामिन ने कहा कि उन्होंने बिजली विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने और अस्पताल में सभी समस्याओं को तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया है। इस मामले को लेकर पूछे जाने पर पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी अजय कुमार टेम्बर्न ने दावा किया कि शॉर्ट सर्किट की घटना के तुरंत बाद इमारत में शुरुआती मरम्मत कर दी गई थी।

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