कांकेरः- Tribal protests against BSF camp कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के पानीडोबीर ग्राम पंचायत के आश्रित गांव चीलपरस में 30वीं वाहिनी बीएसएफ का नया कैंप खोला गया है. स्थानीय ग्रामीण कैंप खुलने का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा की अनुमति लिए बिना ही यह कैंप खोल दिया गया है. गांव की सरपंच को भी कोई सूचना नहीं दी गई. वहीं कांकेर एसपी शलभ सिन्हा का कहना है कि नक्सलियों के दबाव की वजह से ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
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ग्राम सभा की अनुमति नहीं लेने का आरोप
Tribal protests against BSF camp चीलपरस गांव की सरपंच संगीता का कहना है कि ” हमारे गांव में यह कैंप बिना अनुमति के खोला गया है. ग्राम सभा से भी पूछा नहीं गया है. मुझे भी सूचना नहीं दी गई, इसीलिए हम कैंप के विरोध में अड़े हुए हैं. सड़क बनाने की बात कहते हैं लेकिन सड़क हमारे लिए नहीं कैम्प वाले अपने लिए सड़क बनवाएंगे. हमको सिर्फ धूल मिलेगी.”
शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा चाहिए, कैंप नहीं चाहिए
Tribal protests against BSF camp कोयलीबेड़ा जनपद सदस्य दिलीप बघेल का कहना है कि ”यह क्षेत्र अंदरुनी होने के चलते स्वास्थ्य, शिक्षा में अब भी पिछड़ा हुआ है. शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा के लिए हमने कई बार कोयलीबेड़ा ब्लॉक मुख्यालय में आंदोलन किया है. यहां शिक्षकों की बहुत कमी है. एक स्कूल में कक्षा 1 से पांचवीं तक कक्षा लगती है लेकिन एक ही शिक्षक है. ऐसे में शिक्षक किस क्लास के बच्चे को पढ़ाएंगे. हमें शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा चाहिए, कैंप नहीं चाहिए.’
क्या कहती है पुलिस
Tribal protests against BSF camp कांकेर एसपी शलभ सिन्हा के मुताबिक ”कुछ ग्रामीणों से बातचीत हुई तो वो वहां कैंप चाह रहे हैं लेकिन नक्सली दबाव की वजह से ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. फिलहाल एक जगह इकट्ठा होकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों को पता है कि कैंप की वजह से विकास कार्य होंगे. ग्रामीण अंदर से खुश हैं. मुझे नहीं लगता कि वे लंबे समय तक विरोध करेंगे. हम भी कैंप का काम आराम से कर रहे हैं.”
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