जगदलपुर-बस्तर जिले के बकावंड ने राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस तरह अब विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल का प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होने लगा है। बकावंड में वन धन समिति के माध्यम से काजू प्रसंस्करण कर रही इकाई ने बस्तर के साथ ही पूरे राज्य और देश को भी गौरवान्वित किया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा जगदलपुर जिले के वनधन विकास केन्द्र बकावण्ड के साथ ही कोरबा जिले के डोंगानाला के दो स्व-सहायता समूह को प्रतिष्ठित ग्रिड पुरस्कार के लिए ई.एस.जी. वर्ल्ड समिट में नामित एवं चयनित किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने छत्तीसगढ़ की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए राज्य लघु वनोपज संघ सहित सभी वनधन केन्द्र के समूहों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार संधारणीय विकास, गरीबी उन्मलन तथा महिला सशक्तिकरण की श्रेणियों में प्राप्त हुए हैं। विजेताओं का चयन लगभग तीन माह चले तीन चरणों में कठोर परीक्षण मापदंडों पर प्रस्तावों के विश्लेषण के आधार पर किया गया। सिंगापुर के कार्प स्टेज तथा ई.एस.जी रिसर्च फाउंडेशन का उद्देश्य ईएसजी मापदंड विकास के लक्ष्यों तथा प्रभावों को विस्तारित करना तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निर्धारित संधारणीय विकास लक्ष्यों की स्थापना है। इन पुरस्कारों के लिए संधारणीय विकास लक्ष्यों की श्रेणियों के अनुसार पूरे विश्व के व्यवसायियों से नामांकन प्राप्त किए गए थे।