दुर्ग: दो साल पहले वन होम वन ट्री महा अभियान के अंतर्गत दुर्ग जिले के नागरिकों ने अपने घरों में हरियाली का एक सुंदर पौधा रोपा था। आज वो पौधे बड़े हो गये हैं और घरों की शोभा बढ़ाने वाले वृक्ष बन रहे हैं। कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज दो साल से पहले पदस्थ अधिकारियों से उनके द्वारा लगाये गये पौधों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। साथ ही अपने अनुभव भी साझा किये। कलेक्टर ने बताया कि वन होम वन ट्री महा अभियान के अंतर्गत उन्होंने दो साल पहले चंपा और चंदन का पौधा अपने बंगले में लगाया था। जिस समय चंदन का पौधा लगाया, वो चार फुट का छोटा सा पौधा था। अब वो 12 फुट का हो गया है। पौधे को वृक्ष बनते देखना बहुत सुखद लग रहा है। इसके बाद अधिकारियों ने भी अपने पौधों के बारे में जानकारी दी।
ग्रुप में फोटो शेयर किया तो अन्य अधिकारियों ने भी शेयर किये फोटोग्राफ- कलेक्टर ने अपने घर के चंदन का फोटो साझा किया। इसके बाद अभियान में पौधा लगाने वाले अन्य अधिकारियों ने भी अपने फोटोग्राफ साझा किये। डीपीओ श्री विपिन जैन ने दो साल पहले लगाये गये नीम के पौधे की फोटो साझा की। अपने बेटे के साथ वे नीम का पौधा लगा रहे हैं। आज ये पौधा कई गुना बढ़ चुका है। नगर निगम भिलाई आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे ने दोनों अभियानों में अपने द्वारा लगाये पौधों की फोटो साझा की। उपसंचालक उद्यानिकी श्री सुरेश ठाकुर एवं नगर निवेश अधिकारी श्री विमल बड़गैया ने भी फोटो साझा की।
बादाम के पौधे में लग चुका फल भी- उपसंचालक जनशक्ति नियोजन राजकुमार कुर्रे ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले इस महा अभियान में अपने बेटे के साथ बादाम का पेड़ लगाया था। इसमें फल भी आ गया है। इसे देखकर बहुत सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि बादाम का पौधा हाइब्रिड पौधा था इसलिए उसमें तेजी से ग्रोथ हुई होगी।
अपनी हरियाली दूसरों से भी बांटिये, महा अभियान के दौरान लगाई गई पौधों की बढ़त की फोटो हमसे साझा कीजिए- दुर्ग के नागरिकों ने पिछले दोनों अभियानों में बड़ी संख्या में अपने घरों में पौधे लगाये हैं। दुर्ग डिस्ट्रिक्ट के ट्विटर पेज पर आप हमें टैग कर सकते हैं। फेसबुक में दुर्ग पीआरओ के पेज पर भी आप इसे टैग कर सकते हैं। पिछली फोटो शेयर करने और इस बार नये पौधे लगाने की अपनी इच्छा को हमसे जरूर साझा कीजिए। इसके लिए रुवदमीवउमवदमजतमम का हैशटेग जरूर लगाएं।
दो साल पहले वन होम वन ट्री महाअभियान में घरों में रोपे थे पौधे, अब बन रहे वृक्ष
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