बीजापुर/नारायणपुर: Unknown disease havoc: छत्तीसगढ़ में बीजापुर और नारायणपुर जिले के सात गांवों में दो महीने में 39 ग्रामीणों की मौत की खबर है। इन गांवों की कुल आबादी लगभग 1,200 है। मृतकों को मलेरिया, सर्दी-खासी, बुखार, शरीर में सूजन आदि की शिकायत थी। प्रभावित गांवों में अभी भी 50 से अधिक ग्रामीण बीमार हैं। जुलाई में सुकमा जिले के रेगड़गट्टा गांव में 61 ग्रामीणों की मौत की बात सामने आई थी। उक्त मौतों का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
लगातार बारिश और बाढ़ के बाद फैली बीमारी
Unknown disease havoc: बीजापुर जिले में इंद्रावती नदी के पार के गांवों मर्रामेटा, रेकावाया, पेंटा, गुडरा, पीडियाकोट और बड़े पल्ली के ग्रामीण इन बीमारियों की चपेट में हैं। दो महीने के भीतर मर्रामेटा में 12, पेंटा में तीन, पीडियाकोट में सात और बड़े पल्ली में सात ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। वहीं नारायणपुर जिले के ग्राम रेकावाया में भी इसी दौरान 10 ग्रामीणों की मौत हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बारिश और बाढ़ के बाद यह बीमारी फैली है। बताया जाता है कि बीते पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम इन गांवों में नहीं पहुंची है।
Unknown disease havoc: 20 स्वास्थ्य कर्मियों की चार टीमें फिर भेजी गईं
Unknown disease havoc: भैरमगढ़ के मेडिकल अफसर रमेश तिग्गा ने बताया कि आठ सदस्यीय टीम 52 ग्रामीणों का उपचार करके लौट आई है। ज्यादातर को मलेरिया, सर्दी-खासी, बुखार आदि की शिकायत थी। शुक्रवार को 20 स्वास्थ्य कर्मियों की चार टीमें फिर भेजी गई हैं, जो अब तक लौटी नहीं हैं। वहीं, बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की सभी टीमों की वापसी के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।
सुकमा में तीन साल में 61 लोगों की जा चुकी है जान
Unknown disease havoc: सुकमा (Sukma) जिले के रेगड़गट्टा गांव (Regadgatta Village) के लोगों ने दावा किया है कि पिछले तीन साल में अज्ञात बीमारी (Unknown Illness) के कारण वहां 61 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों ने इन मौतों की वजह जानने के लिए जांच शुरू की है। इन मौतों का कारण क्या है, यह डाक्टर भी नहीं बता पा रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, हाथ-पांव में सूजन होती है, शरीर दर्द करता है, बुखार आता है और मौत हो जाती है। सात सौ की आबादी वाले इस गांव के हर घर में कोई न कोई बीमार है या मौत हो चुकी है।
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