नई दिल्लीः- Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति पद के लिए आज 6 अगस्त को चुनाव होगा और आज ही चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। एनडीए ने इस बार पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को उम्मीदवार बनाया, जबकि विपक्ष ने कांग्रेस नेता माग्ररेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया है। आइये जानते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया कैसे होती है-
कैसे चुने जाते हैं उपराष्ट्रपति
भारत में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और अगर किसी वजह से राष्ट्रपति का पद खाली होता है तो उनकी जिम्मेदारी उपराष्ट्रपति ही संभालते हैं। संविधान के हिसाब से सर्वोच्च पद की बात करें तो राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद होता है फिर उसके बाद प्रधानमंत्री का। चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं। इस चुनाव में मनोनीत सदस्य भी हिस्सा लेते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 788 वोट डाले जा सकते है। इसमें लोकसभा के 543 सांसद और राज्यसभा के 243 सदस्य वोट करते हैं। राज्यसभा सदस्यों में 12 मनोनीत सांसद भी होते हैं।
Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति के चुनाव लड़ने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी होता है। उसकी उम्र 35 से अधिक होनी चाहिए और वह राज्यसभा सदस्य चुने जाने की सभी योग्यताओं को पूरा करता हो। उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी को 15,000 रुपये जमानत राशि के तौर पर जमा कराने होते हैं। चुनाव हार जाने या 1/6 वोट नहीं मिलने पर यह राशि चुनाव आयोग में जमा हो जाती है।
बैलेट पेपर से होता है चुनाव
इस चुनाव की खास बात यह है कि वोटिंग के दौरान सांसद को एक ही वोट देना होता है, लेकिन उसे अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है। बैलेट पेपर पर मतदाता को अपनी पसंद को 1, दूसरी को 2 और इसी तरह से प्राथमिकता तय करनी होती है।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति की चुनाव
Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के तहत होता है। इसमें मतदान खास तरह से होता है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में जितने सदस्यों के वोट पड़ते हैं, उसकी संख्या में 2 से भाग देते हैं और फिर उसमें एक जोड़ दिया जाता है। मान लीजिए की चुनाव में कुल 787 सदस्यों ने वोट डाल तो इसे 2 से भाग देंगे 393.50 आता है। इसमें 0.50 को हटा देंगे क्योकि दशमलव की बाद की संख्या नहीं गिनी जाती है। इसलिए यह संख्या 393 हुई। अब इसमें 1 जोड़ने पर संख्या 394 होता है। चुनाव जीतने के लिए 394 वोट मिलना जरूरी है।

वोटिंग खत्म होते ही शुरु होगी काउंटिंग
उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोटिंग खत्म होने के बाद उसी दिन ही गिनती होती है। पहले राउंड की गिनती में देखा जाता है कि सभी उम्मीदवारों को पहली प्राथमिकता वाले वोट कितने मिले हैं। अगर पहले राउंड में ही किसी उम्मीदवार को जरूरी कोटे के बराबर या उससे ज्यादा वोट मिलते हैं तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है।