WFH से ऊबे कर्मचारी, याद आने लगा ऑफिस

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नई दिल्ली
कोरोना वायरस संक्रमण (Covid-19 pandemic) के कारण अधिकांश कर्मचारियों को घर से काम करना पड़ रहा है। उन्हें घर से काम करते हुए 100 दिन से ज्यादा समय हो गया है और लगातार काम करने से अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है। इसे देखते हुए कंपनियों में छुट्टी की अपनी नीतियों में बदलाव करना शुरू कर दिया है। दुनिया की कुछ कंपनियां लीव बैंक बना रही हैं और कुछ कंपनियों अपने कर्मचारियों को इस बात के लिए उत्साहित कर रही हैं कि वे लंच के समय काम न करें।

बढ़ने लगा है तनाव
मनोचिकित्सकों के पास ऐसे कर्मचारी आ रहे हैं जो घर से काम करने के कारण भारी तनाव में हैं। वे इस बात से डिप्रेशन में हैं कि उन्हें छुट्टी नहीं मिल रही है। साथ ही भविष्य की चिंता भी उन्हें खाई जा रही है। लगातार घर से काम कर रहे कर्मचारी हर समय खुद को थका हुआ महसूस कर रहे हैं।

इन बीमारियों से परेशान है कर्मचारी
कर्मचारी शारीरिक थकान के साथ मानसिक थकान की स्थिति से भी गुजर रहे हैं। उनमें गर्दन दर्द और स्पोंडलाइटिस की समस्या भी बढ़ रही है। साइकोलॉजिस्ट सीमा हिंगोरानी ने कहा कि कुछ महिला कर्मचारियों में मासिक धर्म की अवधि गड़बड़ा गई है। घर से काम कर रहे अधिकांश कर्मचारी अब अपने ऑफिस कल्चर को मिस कर रहे हैं।

कर्मचारियों का प्रोडक्टिविटी लेवल बढ़ा
सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट इंडिया की सीनियर नॉलेज अडवाइजर नेहा पंत ने कहा कि अब यह अच्छी तरह साबित हो चुका है कि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों का प्रोडक्टिविटी लेवल बढ़ गया। इससे एम्लॉयर्स को अचानक घर से काम के फायदे नजर आ गए क्योंकि कर्मचारियों ने इस दौरान ज्यादा मेहनत की। इसकी वजह यह रही कि भय, आशंका और अचानक आजादी छिनने से उन्होंने ज्यादा मेहनत की। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने इसका फायदा उठाया और कहा कि उन्हें छुट्टी की क्या जरूरत है। लेकिन कर्मचारियों को सहज बनाने के लिए कुछ कंपनियां छुट्टी की अपनी नीतियों में बदलाव कर रही है।

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