भोपाल,मध्यप्रदेशः-Why Cheetah extinct from india: भारत से 1952 में ही विलुप्त हो चुका चीता जानवर एकबार फिर से इसी सरजमीं पर कदम रखने जा रहा है. नामीबिया से भारत लाए जा रहे चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे. ‘बिग कैट फैमिली’ का हिस्सा चीता एकमात्र ऐसा बड़ा मांसाहारी जीव है जो भारत में पूरी तरह से विलुप्त हो चूका था. चीतों के विलुप्त होने की बड़ी वजह इनका शिकार रहा है. इसके अलावा रहने का ठिकाना न होना भी चीतों के विलुप्त होने की वजह माना गया. लेकिन कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कभी भारत में 1000 से ज्यादा चीते होते थे.
शिकार करने के लिए किया जाता था इस्तेमाल
Why Cheetah extinct from india: भारत देश में एक समय ऐसा था जब तटीय क्षेत्रों, ऊंचे पर्वतीय इलाकों और पूर्वोत्तर को छोड़कर हर जगह चीतों की आवाज सुनाई देती थी. चीतों से जुड़ी जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि चीता शब्द संस्कृत के चित्रक शब्द से आया है, जिसका अर्थ चित्तीदार होता है. भोपाल और गांधीनगर स्थित नवपाषाण युग के गुफा चित्रों में भी चीते नजर आते हैं. दावा तो यहां तक किया जा है कि भारत में कभी हजार से ज्यादा चीते होते थे. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के पूर्व उपाध्यक्ष दिव्य भानु सिंह द्वारा लिखी गई किताब ‘द एंड ऑफ ए ट्रेल-द चीता इन इंडिया’ के अनुसार, “मुगल बादशाह अकबर के पास एक हजार चीते थे. इनका इस्तेमाल हिरण और चिंकारा का शिकार करने के लिए किया जाता था.”
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Why Cheetah extinct from india: ‘द एंड ऑफ ए ट्रेल-द चीता इन इंडिया’ किताब में यह भी दावा किया गया है कि अकबर के बेटे जहांगीर ने चीतों के जरिए 400 से ज्यादा हिरन पकड़े थे. तब कैद में रखने की वजह से इनकी आबादी में गिरावट आई. हालांकि किताब में यह भी कहा गया है कि मुगलों के बाद अंग्रेजों ने चीतों को पकड़ने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. वे ऐसा कभी-कभी किया करते थे.
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Why Cheetah extinct from india
Why Cheetah extinct from india: 20वीं शताब्दी की शुरुआत से भारतीय चीतों की आबादी में तेजी से गिरावट आई और देश में चीतों की संख्या महज सैकड़ों में रह गई. साल 1918 से साल 1945 के बीच करीब 200 चीते आयात भी किए गए. 1940 के दशक में चीतों की संख्या बेहद कम हो गई और इसके साथ इनके शिकार का चलन भी कम होने लगा. कहा जाता है कि साल 1947 में कोरिया के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने देश के आखिरी तीन चीतों का शिकार कर उन्हें मार दिया. इसके बाद कई सालों तक चीते दिखाई न देने के बाद साल 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से चीतों को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया.
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70 के दशक में ईरान से शेर लाने पर हुआ विचार
Why Cheetah extinct from india: भारत सरकार ने 1970 के दशक में विदेश से चीतों को भारत लाने पर विचार शुरू किया. इसके बाद ईरान से शेरों के बदले चीते लाने को लेकर बातचीत भी शुरू हुई. हालांकि बाद में भारत सरकार ने ईरान में एशियाई चीतों की कम आबादी और अफ्रीकी चीतों के साथ इनकी अनुवांशिक समानता को ध्यान में रखते हुए फ्रीकी चीते लाने का फैसला किया. चीतों को भारत लाने की कोशिशें साल 2009 तेज हुईं. इसके बाद एक लंबी प्रक्रिया के बाद आज नामीबिया से भारत को चीते प्राप्त हुए हैं. ये चीते हवाई मार्ग से ग्वालियर पहुंचेंगे और फिर हेलीकॉप्टर के जरिए इन्हें कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा.