दंतेवाड़ा: ‘बस्तर’ छत्तीसगढ़ का वो क्षेत्र जो वनों से आच्छादित है, बस्तर की खूबसूरती देखकर लोग यहां आने से खुद को रोक नहीं पाते। लेकिन यहां के जंगलों में पिछले कुछ दशकों से नक्सलियों का साया छाया हुआ है। नक्सलियों के चलते यहां विकास को योजनाएं नहीं पहुंच पाती और 21 वीं सदी में भी यहां यहां कब लोगों को आभाव में जिन्दगी गुजारनी पड़ रही है। सुविधाविहीन क्षेत्र होने के बावजूद बस्तर में प्रतिभा की कमी नहीं है, कई बार यहां के युवाओं ने दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको ये बातें क्यों बता रहे हैं, दरअसल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको दंतेवाड़ा जिले को 3 ऐसी युवतियों की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके शौर्य की चर्चा आज जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है। आइए जानते हैं दंतेवाड़ा जिले में शौर्य की नई इबारत गढ़ने वाली युवतियों की कहानी….
ये कहानी है दंतेवाड़ा जिले की रहने वाली मधु पोड़ियाम, मंजू वट्टी और भगवती की। ये तीनों आज जिला पुलिस बल द्वारा गठित दंतेश्वरी फाइटर्स की सदस्य हैं। तीनों दंतेश्वरी फाइटर्स में बतौर सहायक आरक्षक पदस्थ हैं। लेकिन इन तीनों युवतियों के नाम सुनते ही नक्सली भाग खड़े होते हैं। दरअसल बीते दिनों तीनों महिला सहायक आरक्षक सर्चिंग टीम का हिस्सा बनकर जंगल में सर्चिंग के लिए निकली थी। इस दौरान नक्सलियों ने सर्चिंग टीम पर धावा बोल दिया। तब इन तीनों ने मोर्चा संभालते हुए नक्सलियों की गोलियों का जवाब देना शुरू कर दिया। महिला आरक्षकों का हौसला देखकर सर्चिंग जवान भी दंग रह गए थे। आखिरकार नक्सली भाग खड़े हुए। इन तीनों के शौर्य की कहानी यहीं खत्म नहीं होती ये आज हर सर्चिंग अभियान में जाने के लिए एक पैर पर खड़ी रहतीं हैं।
धूर नक्सल बेल्ट पोटाली में दे चुकीं हैं सेवाएं
बताते चलें कि मधु पोड़ियाम, मंजू वट्टी और भगवती ने जिले के धूर नक्सल प्रभावित इलाका पोटाली में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। बताया गया कि जब पोटाली में कैंप का निर्माण किया जा रहा था तब इन तीनों की तैनाती वहां की गई थी। इस दौरान भी नक्सलियों ने कई बार कैंप को उड़ाने की कोशिश की लेकिन इनके सामने उनकी एक न चली। आपको यह भी बता दें कोपोटाली वही नक्सल प्रभावित इलाका है, जहां पंचायत चुनाव के दौरान नक्सलियों ने निवार्चन टीम और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना वनाने की कोशिश की थी।
‘दंतेश्वरी फाइटर्स’ एसपी डॉ अभिषेक पल्लव की पहल
दंतेश्वरी फाइटर्स की शुरुआत जिला एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने की थी। शुरुआत में इस टीम में करीब 35 महिलाओं और युवतियों को शामिल किया गया था, जो इलाके के कई मामलों में पुलिस की मदद करती थीं। लेकिन आज दंतेश्वरी फाइटर्स की टीम में लगभग 200 से अधिक महिलाएं जुड़ चुकीं हैं। बता दें कि इस टीम में कुछ आत्मसमर्पित महिला नक्सलियों को भी शामिल किया गया है, जो आज नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैयार हैं।
अब जवानों पर नहीं लगेंगे ‘रेप’ जैसे गंभीर आरोप
दरअसल बस्तर में तैनात जवनों पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने सर्चिंग के दौरान गांव की महिलाओं से छेड़छाड़ किया है या रेप किया है। लेकिन अब सर्चिंग टीम में महिलाओं के होने से ऐसे आरोपों से जवनों को मुक्ति मिलेगी। अब गांव की महिलाओं को महिला आरक्षकों को हैंडल करने दिया जाएगा, ताकि उनके साथ छेड़छाड़ जैसी घटना न हो।