म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कम समय में बंपर रिटर्न का अच्छा जरिया है. ऐसे में आपको परंपरागत निवेश यानी की एफडी और आरडी (FD & RD) के बजाए म्यूचुअल फंड के बारे में सोचना चाहिए. आपको निवेश करने के लिए बहुत आसानी होती है क्योंकि इसमें आप एफडी तरह एक साथ निवेश भी कर सकते हैं और चाहें तो थोड़ा-थोड़ा अमाउंट भी लगा सकते हैं जैसे सिर्फ 10 रुपये. लेकिन आपको बता दें कि इसमें रिस्क फेक्टर भी जुड़ा रहता है. हालांकि पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन आपको इसमें निवेश करने से पहले अच्छे स्टडी कर लेना चाहिए. आइए जानते हैं म्यूचुअल फंड के बारे में.
सिर्फ रोज 10 रुपये का करें निवेश
महंगाई के दौर में आप बैंक ब्याज जैसे एफडी और बचत खाते से अच्छी कमाई नहीं कर सकते. इसके लिए आपको सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए. अगर आप रोज भी सिर्फ 10 रुपये की बचत करना शुरू कर दें तो आपको कुछ सालों में तगड़ा रिटर्न मिल सकता है. इसमें आपको रोजाना 10 रुपये निवेश करने होंगे, जिससे आप एक करोड़ से भी ज्यादा पैसे बना सकते हैं. एसआईपी ने लोगों को 18% तक का रिटर्न दिया है. यानी अगर आप 35 साल तक डेली 10 रुपये एसआईपी में निवेश करते हैं तो आपको 35 साल बाद 1.1 करोड़ रुपये का रिटर्न मिलेगा.
You can become a millionaire
म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर मिलेगा शानदार रिटर्न
पिछले कुछ सालों से म्यूचुअल फंड अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. मार्केट में कई फंड ऐसे भी है जिन्होंने 12% से लेकर 25% तक का रिटर्न दिया है. इस हिसाब से अगर आप हर माह 600 रुपए की म्यूचुअल फंड में SIP लेते हैं तो 35 से 40 साल में 10 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप अपना भविष्य संवार सकते हैं. आपको बता दें कि शेयर बाजार में तेजी है या मंदी, म्यूचुअल फंड पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है. आप एसआईपी के थ्रू, म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रख सकते हैं. इस तरह धीरे-धीरे आपके पास अच्छा खासा अमाउंट जमा हो जाएगा.
एसआईपी में निवेश करने का ये है फायदा
एसआईपी में इन्वेस्ट करने के कई फायदे होते हैं क्योंकि आपके द्वारा SIP में जो राशि निवेश की जाती है. उस अमाउंट को अलग-अलग सेक्टर की बड़ी कंपनियों में लगाया जता है. इसमें निवेश करने का यही फायदा होता है कि इससे आप ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि आपको निवेश करने से पहले सेबी और एएमएफआई (SEBI Rule & AMFI Rule) द्वारा जारी नियमों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए.