बिलासपुर. young man turned promise of marriage:शादी का आश्वासन देकर युवक मुकर गया. शादी नहीं होने से दु:खी युवती ने आत्महत्या कर लिया. युवती के परिजनों ने युवक के खिलाफ धारा 306 के तहत अपराध दर्ज कराया. अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर युवक ने छत्तीसगढ़ हाइ कोर्ट में याचिका लगाई. याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने युवक के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया है. मामले में युवक को बड़ी राहत मिली है.
दरअसल मामला छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले का है. जहां एक युवक ने युवती को शादी करने का आश्वाशन दिया पर शादी नहीं की. इससे दु:खी होकर युवती ने आत्महत्या कर लिया. इसके बाद युवक और लड़की के परिजनों के बीच विवाद की स्थिति बनी. लड़की के परिजनों ने युवक पर आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के जुर्म में एफआईआर दर्ज करा दिया. पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ युवक ने हाई कोर्ट में एडवोकेट पुष्कर सिन्हा के माध्यम से याचिका लगाई. युवक ने हाई कोर्ट से एफआईआर निरस्तीकरण की मांग की. इस प्रकरण में कोर्ट ने फैसला दिया है.
इस तर्क पर पक्ष में आया फैसला
young man turned promise of marriage: युवक के अधिवक्ता पुष्कर सिन्हा ने बताया कि तर्क प्रस्तुत कर उन्होंने कोर्ट को बताया कि युवक ने शादी का आश्वासन नहीं दिया था. उसने युवती को न तो प्रताड़ित किया और न ही उसे आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किया. इसलिए उसपर अपराध दर्ज कराना नहीं बनता. मृतका के परिजनों की ओर से इस तर्क का काट नहीं दिया जा सका. मृतका के परिजन ऐसा कोई भी सबूत पेश करने में असक्षम रहे, जिसमें साबित हो सके कि युवक ने लड़की को आत्महत्या के लिए उकसाया है. प्रकरण में हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद युवक के खिलाफ दर्ज अपराध को निरस्त कर दिया है. इस मामले में युवक को बड़ी राहत मिल गई है.