बीजिंग: पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद से ही चीन ये बात छुपाता रहा है कि इस संघर्ष में उसके कितने जवान शहीद हुए हैं. चीन ये तो मानता है कि उसका नुकसान हुआ, लेकिन मारे गए सैनिकों की संख्या पर अब तक परदा डाले रखा है. हालांकि, चीन की तमाम कोशिशों के बाद उसकी पोल खुलती नज़र आ रही है, चीन के ही सोशल मीडिया पर गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की कब्रों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
चीन से ऐसी कई ख़बरें लगातार सामने आई कि अपनी भद्द पिटने से बचने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ने मारे गए सैनिकों के परिवारों पर भी चुप रहने और सार्वजनिक अंतिम संस्कार न करने का दबाव बनाया था. हालांकि अब चीनी मामलों के एक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि इंटरनेट पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जिसमें गलवान में मारे गए चीनी सैनिक की कब्र दिखाई दे रही है. बता दें कि भारत ने स्पष्ट बता दिया था कि इस संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. चीन के छुपाने के बावजूद अमेरिकी मीडिया ने दावा किया था कि इस संघर्ष में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मरे गए हैं.
नहीं छुप पाया चीन का राज
चीन के लगातार इस बात को दबाने के बावजूद ऐसे कई सबूत लगातार सामने आते रहे जिनमें मारे गए और घायल सैनिकों को गलवान से एयरलिफ्ट करने हैलीकॉप्टर की तस्वीरें भी शामिल हैं. इस बात को छुपाने के लिए चीन ने अपने मारे गए सैनिकों का सम्मान के साथ विधिवत अंतिम संस्कार भी नहीं किया, जिसे लेकर उन सैनिकों के परिजनों में नाराजगी दिखी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में सैनिकों के परिजनों को सिर्फ अस्थि कलश दिए गए थे. इसके अलावा सार्वजानिक शोक सभा न करने और न दफनाने की भी हिदायत दी गई थी. चीनी सेना के इस दबाव के बाद कई जगह छुटपुट प्रदर्शन की ख़बरें भी आयीं थीं.
क्या है ये वायरल तस्वीर
ट्विटर पर मौजूद चीनी मामलों के एक्सपर्ट एम टेलर फ्रैवल ने दावा किया है कि चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट Weibo पर एक तस्वीर वायरल हो रही जो कि गलवान में शहीद हुए एक सैनिक की कब्र की बताई जा रही है. तस्वीर में मौजूद ये कब्र 19 साल के एक चीनी सैनिक की है जिसकी मौत ‘चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष’ में जून 2020 में हो गई. उसके फुजियान प्रांत से होने का दावा किया गया है. टेलर ने यह भी बताया है कि तस्वीर में दिख रही कब्र पर सैनिक की यूनिट का नाम 69316 बताया गया है जो गलवान के उत्तर में स्थित चिप-चाप घाटी में तियानवेन्दियन की सीमा रक्षा कंपनी लग रही है.
टेलर ने दावा किया है कि यह 13वीं सीमा रक्षा रेजिमेंट का हिस्सा है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि 2015 में इस यूनिट का नाम केंद्रीय सैन्य आयोग ने ‘युनाइटेड कॉम्बैट मॉडल कंपनी’ रख दिया था. उन्होंने लिखा है कि इससे पता चलता है कि गलवान घाटी में चीन ने कौन सी यूनिट तैनात की थीं. बीती 15 जून को चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे और उन्हें समझाने के लिए भारतीय सैनिक बातचीत के लिए गए थे लेकिन चीनी सैनिकों ने कांटेदार लाठियों से हमला कर दिया था. इस घटना में 20 भरतीय जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन ने इस बात को स्वीकार ही नहीं किया कि उसके सैनिक भी घायल हुए हैं.
चीन के झूठ की खुल गई पोल, गलवान हिंसा में मारे गए सैनिक की कब्र की पहली फोटो आई सामने!
Leave a comment
Leave a comment