महिलाओं की इजाजत के बिना उनके वीडियोज वेबसाइट पर डालने के चलते एक कोर्ट ने GirlsDoPorn के निर्माताओं और मालिकों पर भारी जुर्माना ठोका है। कोर्ट के इस फरमान के बाद वेबसाइट के मालिकों को 92 करोड़ रुपए जुर्माने के रूप में पीड़ित महिलाओं को देने होंगे।
GirlsDoPorn के मालिकों पर ये भी आरोप था कि उन्होंने जरूरतमंद छात्राओं को पैसों का लालच देकर उनका शोषण किया। यह मामला कोर्ट में आने के बाद वेबसाइट के मालिक माइकल जेम्स प्रैट, वीडियोग्राफर मैथ्यू वोल्फ और उनके पार्टनर को तगड़ा झटका लगा।
क्या है पूरा मामला
22 महिलाओं ने यह मामला चार साल पहले कोर्ट में दर्ज करवाया था। अपने बयान में इन महिलाओं ने बताया था कि वे सभी वेबसाइट के मालिक से एक होटल में मिली थीं। कंपनी के मालिक ने महिलाओं से कहा था कि उन्हें वेबसाइट के लिए एडल्ट वीडियोज बनाने होंगे। इस प्रस्ताव में कंपनी के मालिक ने ये भी कहा था कि ये सभी वीडियोज उनके प्राइवेट क्लाइंट्स के लिए होंगे और इन्हें वेबसाइट पर कभी ऑनलाइन नहीं दिखाया जाएगा। लेकिन कुछ दिन बाद ही कंपनी ने महिलाओं की इजाजत बिना ये वीडियो अपनी वेबसाइट पर डाल दिए। इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने कोर्ट में मुकदमा दायर करवाया।
जज ने फरमान सुनाते हुए कहा, ‘वेबसाइट के मालिकों के इस कदम से समाज में इन महिलाओं के सम्मान को हानि हुई है। इनमें से बहुत सी महिलाएं आज अपना जीवन खत्म कर लेना ज्यादा बेहतर समझती हैं।’जज ने अपने बयान में कंपनी के मालिकों को वेबसाइट से सभी संबंधित वीडियो हटाने के भी निर्देश दे दिए हैं। कंपनी पर लगे इस जुर्माने की राशि सभी 22 महिलाओं में समान रूप से बांटी जाएगी।
महिलाओं को कैसे फंसाया?
पॉर्न वेबसाइट के जाल में फंसी इन महिलाओं का कहना था कि कंपनी ने पहले उन्हें एक ऐड शूट करने का ऑफर दिया था। इसके लिए महिलाओं को करीब साढ़े तीन लाख रुपये मिलने थे। लेकिन कहीं भी पॉर्नोग्राफी या अश्लील वीडियो बनाने का जिक्र नहीं था। ऐड शूट के लिए राजी हुए महिलाओं को बाद में एक होटल में बुलाया गया और उनसे 8 पेज का एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करने को कहा गया।
इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर लेने से पहले महिलाओं को खाने-पीने की चीजों में एल्कोहल या नशीले पदार्थ दिए गए। नशे की हालत में सभी लड़कियों ने इन दस्तावेजों पर साइन कर दिए। इन दस्तावेजों पर स्पष्ट लिखा था कि ये सभी वीडियो अमेरिका से बाहर ऑनलाइन पब्लिश किए जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक महिलाओं के वीडियोज के साथ उनके घर का पता और परिजनों की डिटेल भी ऑनलाइन शेयर की गई थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद चार साल बाद ही सही लेकिन इन महिलाओं को थोड़ी बहुत राहत जरूर मिली होगी। वेबसाइट के मालिकों पर जुर्माना लगने के बाद प्रत्येक पीड़िता के हिस्से में सवा दो करोड़ से लेकर चार करोड़ रुपये की राशि आएगी।