पटना : पिछले दिनों बिहार (Bihar) की राजनीति में मची उठा-पटक का असर अभी भी नजर आ रहा है। राजधानी पटना में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जब अपनी कुर्सी छोड़कर दूसरी कुर्सी बैठने के लिए मंगाई तो हर कोई हैरान रह गया। इस दौरान मंच पर दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे। इस बात का लोगों ने अलग-अलग मतलब निकाला।
दरअसल, पटना में मंगलवार को जल जीवन हरियाली कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान मंच पर दोनों डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी मौजूद थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए मंच पर कुर्सी लगी हुई थी, लेकिन उन्होंने उस पर बैठने से मना कर दिया। उन्होंने एक छोटी कुर्सी मंगवाई और उस पर बैठकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
कुर्सी बदलने का क्या था कारण
जल जीवन हरियाली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा दोनों डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी, ग्रामीण विकास मंत्री विजय चौधरी सहित सभी विभागों के प्रधान सचिव भी मौजूद थे। मंच पर लगाई गई कुर्सी में अन्य अतिथियों के मुकाबले नीतीश कुमार की कुर्सी ऊंची और बड़ी थी। जब वह कुर्सी पर बैठे तो खुद को थोड़ा असहज महसूस किया। उन्होंने तुरंत छोटी कुर्सी लाने का आदेश दिया। नीतीश कुमार ने छोटी कुर्सी पर बैठकर कार्यक्रम में भाग लिया।
लोगों ने निकाले अलग-अलग मायने
नीतीश कुमार का यूं कुर्सी छोड़कर छोटी कुर्सी पर बैठने के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। चर्चा यह है कि नीतीश कुमार ने इस बात से साबित कर दिया है कि उन्हें कुर्सी का कोई मोह नहीं है। उन्होंने पहले भी कहा है कि वह सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहते थे। दूसरी तरफ लोगों ने इसे सादगी का परिचय बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार काम में विश्वास रखते हैं, कुर्सी से नहीं।