नई दिल्ली: चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई है। अगर उन्हें जमानत मिल जाती है, तो वो जेल से बाहर आ जाएंगे। क्योंकि चारा घोटाले से जुड़े अन्य मामलों में उन्हें पहले ही बेल मिल चुकी है।
लालू यादव पर चारा घोटाला के पांचवें मामले पर आज सुनवाई होगी। ये डोरंडा ट्रेजरी से अवैध रूप से 139 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़ा मामला है। इससे पहले चारा घोटाला के तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
आरजेडी को राहत की उम्मीद है
आरजेडी के प्रवक्ता स्मिता लकड़ा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लालू यादव को आज जमानत मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को लेकर हाई कोर्ट में जो PIL दायर की गई है, वो पूरी तरह से बेबुनियाद है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई और जेल मैनुअल को लेकर दायर जनहित याचिका दोनों अलग-अलग मामले हैं। ऐसे में जमानत याचिका की सुनवाई में इस पीआईएल का कोई असर नहीं पड़ेगा।
सीबीआई का पूरक शपथपत्र दाखिल
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को एक पूरक शपथपत्र दाखिल किया। सीबीआई ने शपथपत्र में कहा है कि लालू ने लगातार जेल नियमावली का उल्लंघन किया है और उनकी तबीयत भी अब स्थिर है। इसलिए, उन्हें राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची से बिरसा मुंडा जेल भेज देना चाहिए।
चारा घोटाले के दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। जमानत के लिए लालू की याचिका पर न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ सुनवाई करेगी। न्यायिक हिरासत से लालू यादव द्वारा बिहार के एक भाजपा विधायक को कथित तौर पर किये गये फोन के मामले में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी।
कई केसों में मिल चुकी है जमानत
गौरतलब है कि लालू को देवघर कोषागार केस से 79 लाख रुपये की निकासी में पहले से ही जमानत मिल चुकी है। इस केस में उन्हें 3.5 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा चाइबासा कोषागार से 33.13 करोड़ रुपये की निकासी में भी उन्हें बेल मिल चुकी है। इस केस में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई थी।
वहीं, दुमका ट्रेजरी मामले में उन्हें सात साल की सजा हुई है। इस मामले में दो बार सुनवाई टाली जा चुकी है. ऐसे में अगर आज उन्हें झारखंड हाई कोर्ट से बेल मिल जाती है, तो उनका बाहर आने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा।