18.5 C
Munich
Tuesday, May 30, 2023

आज का इतिहास: 10 साल पहले हुआ था झीरम घाटी हमला, नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को उतार दिया था मौत के घाट

Must read

Jhiram Ghati Naxal Attack : साल 2013… छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने थे। पिछले 2 चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी और रमन सिंह मुख्यमंत्री थे। 10 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस इस बार जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही थी। इसी कड़ी में कांग्रेस ने पूरे राज्य में परिवर्तन यात्रा निकालने की तैयारी की। 25 मई के दिन कांग्रेस ने सुकमा में परिवर्तन रैली आयोजित की।

Jhiram Ghati Naxal Attack

Jhiram Ghati Naxal Attack : रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर जा रहा था। काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं, जिनमें 200 नेता सवार थे। सबसे आगे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल और कवासी लखमा अपने-अपने सुरक्षा गार्ड्स के साथ थे। इनके पीछे महेन्द्र कर्मा और मलकीत सिंह गैदू की गाड़ी थी। इस गाड़ी के पीछे बस्तर के तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी उदय मुदलियार कुछ अन्य नेताओं के साथ चल रहे थे। देखा जाए तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सभी टॉप नेता इस काफिले में शामिल थे।

नक्सलियों ने घाटी में शुरू कर दी ताबड़तोड़ फायरिंग

Jhiram Ghati Naxal Attack : शाम करीब 4 बजे काफिला झीरम घाटी से गुजर रहा था। यहीं पर नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता बंद कर दिया। गाड़ियां रुकीं और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, पेड़ों के पीछे छिपे 200 से ज्यादा नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। नक्सलियों ने सभी गाड़ियों को निशाना बनाया। नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश की मौके पर ही मौत हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक फायरिंग होती रही।

Jhiram Ghati Naxal Attack

महेंद्र कर्मा की कर दी बेरहमी से हत्या

Jhiram Ghati Naxal Attack : शाम के करीब साढ़े 5 बजे नक्सली पहाड़ों से उतर आए और एक-एक गाड़ी चेक करने लगे। जो लोग गोलीबारी में मारे जा चुके थे, उन्हें फिर से गोली और चाकू मारे गए, ताकि कोई भी जिंदा न बचे। जो लोग जिंदा थे, उन्हें बंधक बनाया जा रहा था। इसी बीच एक गाड़ी से महेन्द्र कर्मा नीचे उतरे और बोले, ‘मुझे बंधक बना लो, बाकियों को छोड़ दो।’ नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा की थोड़ी दूर ले जाकर बेरहमी से हत्या कर दी। हमले में 30 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई। इसमें अजीत जोगी को छोड़कर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के उस वक्त के अधिकांश बड़े नेता और सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए।

मेन टारगेट में थे महेंद्र कर्मा, सलवा जुड़ुम का किया था नेतृत्व

Jhiram Ghati Naxal Attack : इस हमले का मुख्य टारगेट बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा थे। ‘सलवा जुडूम’ का नेतृत्व करने की वजह से नक्सली उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे। नक्सलियों ने उनके शरीर पर करीब 100 गोलियां दागीं और चाकू से 50 से ज्यादा वार किए। हत्या के बाद नक्सलियों ने उनके शव पर चढ़कर डांस भी किया था।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

12111/114spot_img

Latest article