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Tuesday, May 30, 2023

Chaitra Navratri 2023 : नवरात्रि के आठवें दिन की देवी हैं मां महागौरी, जानें इनकी पूजा विधि, व्रत कथा, मंत्र, आरती और भोग

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Chaitra Navratri 2023: नवरात्र की महाष्टमी (Maha Ashtami) पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी (Mahagauri) की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान जो भक्त माता के इस स्वरूप की पूजा अर्चना करते हैं उनकी सारी मुरादें पूरी होती है। मान्यता है कि मां का ये स्वरूप अत्यंत श्वेत वर्ण का है।
Chaitra Navratri 2023: महाष्टमी के दिन मां के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों को बल, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है। कई घरों में इस दिन कन्या भोज भी कराया जाता है। आइए जानते हैं मां दुर्गा के इस स्वरूप से जुड़ी पौराणिक कथा। साथ ही पूजा विधि, मंत्र, आरती और कथा भी जानेंगे।
Chaitra Navratri 2023: महाष्टमी वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद कलश पूजन कर गणपति भगवान का स्मरण करें। फिर सभी देवी देवताओं के पूजन के बाद मां महागौरी की पूजा शुरू करें। माता को पहले पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें गुड़हल का फूल, रोली, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, पान, पान, सुपारी, लौंग का जोड़ा, सुपारी, धूप, दीप, इलायची, बताशा आदि अर्पित करें।
Chaitra Navratri 2023:  माता के श्रृंगार के बाद उन्हें सफेद मिठाई का भोग जरूर लगाएं। भोग के बाद माता के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ और कथा पढ़ें। अब, आरती करके भगवान से अपनी गलती का क्षमा याचना मांग लें।
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मां महागौरी की व्रत कथा (Maa Mahagauri Ki Vrat Katha)

Chaitra Navratri 2023: शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तपस्या की थीं। हजारों वर्षों तक माता ने अन्न जल ग्रहण नहीं किया था। जिसके कारण उनका शरीर काला पड़ गया था। माता के इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें स्वीकार किया।
Chaitra Navratri 2023:  देवी के शरीर पर भगवान ने गंगाजल डालकर उनको अत्यंत कांतिमय बना दिया। इसी वजह से मां पार्वती के इस स्वरूप को महागौरी कहा गया। मान्यता है कि माता के इस स्वरूप की पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करने पर सौंदर्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

महागौरी माता की आरती (Maa Mahagauri Ki Aarti)

जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।।
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।।
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मां महागौरी के मंत्र (Maa Mahagauri Puja Mantra)

श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि अष्टमी पर ऐसे करें कन्या पूजन (Navratri Ashtami Kanya Pujan Vidhi)

Chaitra Navratri 2023: कन्या पूजन में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को शामिल करें। कन्या पूजन में शामिल कन्याओं के सबसे पहले हाथ पैर धोएं, उनके लिए आसन बिछाकर उस पर उनको बिठाएं। उनके माथे पर तिलक लगाकर हाथ पर कलावा बांधे। फिर उन्हें हलवा पूरी, काले चने परोसें। भोजन के बाद उनके पैर छूकर उन्हें दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
Chaitra Navratri 2023

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