Cotton left in private part of woman कोलार सीएचसी में डॉक्टर और स्टाफ के कारण एक प्रसूता की जान पर बन आई। डॉ. आभा शुक्ला ड्यूटी खत्म होने का हवाला देकर दर्द से कराहती गर्भवती को छोड़कर चली गईं। स्टाफ ने मरीज की डिलीवरी कराने के लिए प्राइवेट पार्ट में चीरा लगा दिया। प्राइवेट पार्ट में टांके लगाए तो कॉटन बैंडेज ही छोड़ दिया।
Cotton left in private part of woman इसका पता तब चला, जब तीन दिन बाद पीड़िता को परेशानी हुई। तब परिजनों ने प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कर यह इसे निकलवाया। मामले की लिखित शिकायत सीएचसी प्रभारी डॉ. रश्मि वर्मा से की गई है। कोलार निवासी देवेंद्र सिंह, पत्नी शिखा को लेकर 17 मई की दोपहर करीब एक बजे कोलार सीएचसी में पहुंचे थे। डॉ. आभा शुक्ला को दिखाया तो उन्होंने कहा कि अभी डिलीवरी में टाइम लगेगा।
पुरुषों के सामने डिलीवरी का आरोप
नर्सिंग स्टाफ ने शिखा को जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया। कुछ देर डिलीवरी के प्रयास किए और वापस चली गईं। देवेंद्र को कहा कि शिखा को कुछ खिला दो। ऐसे में देवेंद्र खाना लेने चले गए, तभी शिखा को तेज दर्द हुआ और जनरल वार्ड में ही डिलीवरी हो गई। तब वार्ड में दूसरे मरीजों के साथ उनके अटेंडेंट भी मौजूद रहे। शिकायत में देवेंद्र ने लिखा है कि 17 मई को डिलीवरी के बाद 19 मई को छुट्टी कर दी गई। 21 मई को पेशाब आना बंद हुआ तो प्राइवेट अस्पताल ले गए, यहां पेशाब निकाल दिया। अगले दिन फिर वही परेशानी हुई, तब कोलार सीएचसी गए, लेकिन स्टाफ ने कहा-डॉक्टर नहीं हैं। फिर प्राइवेट अस्पताल ले गए तो वहां अंदर से कॉटन-बैंडेज निकाला गया।