इंटरनेशनल डेस्क: yanomami strange tradition:अमेजन वर्षावन में रहने वाले यानोमामी जनजाति का मानना है कि मौत के बाद शरीर के आत्मा को शांति की जरूरत होती है। उनका मानना है कि आत्मा को तभी शांति मिल सकती है, जब उसकी लाश पूरी तरह से जल जाए और उसकी लाश को जीवित रिश्तेदारों द्वारा खाया जाए। यह जनजाति जले हुए शरीर पर मुस्कान के साथ उनके चेहरे को पेंट कर देते हैं। इतना ही नहीं, ये गाना गाते हैं और रिश्तेदार की मौत पर रोते हुए अपने दुख को प्रकट करते हैं। फिर जले हुए मांस को बड़े प्रेम से खाते हैं।
yanomami strange tradition
yanomami strange tradition: वहीं ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में स्थित न्यू गिनी में अस्मत जनजाति के लोग दुश्मन को मारकर उसके मांस को पकाते हैं और खा जाते हैं। इसके अलावा मृतक की हड्डियों को गहनों की तरह इस्तेमाल करते हैं और उनके सिर को तकिए की जगह लगाते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कभी-कभी खोपड़ी तोड़कर बर्तन बना लेते हैं और उसको खाना खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
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सवाल है ऐसा क्यों करते हैं?
जनजाति के लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि अपनी वीरता और आदिवासियों के प्रति वफादारी का प्रदर्शन कर सकें। जनजाति के लोग दुश्मन के सिर को तंदूर में भूनकर खा जाते हैं। मृतक दुश्मन की हड्डियों को भविष्य के अनुष्ठानों में इस्तेमाल किया जाता है।