पिछले साल अक्टूबर में वह नैशनल चैंपियनशिप में उतरने को तैयार थे, लेकिन ऐथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ने कोई जोखिम नहीं लेते हुए उन्हें ट्रैक पर उतरने से रोक दिया। पोचेस्ट्रूम से फोन पर हुई खास बातचीत में नीरज ने बताया कि फेडरेशन का यह फैसला उनके हक में गया।
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नीरज ने कहा, ‘मेरी ट्रेनिंग शुरू हो चुकी थी और मैं खुद को परखना चाहता था। शायद मैं थोड़ी हड़बड़ी और दबाव में था लेकिन फेडरेशन ने मुझ पर विश्वास जताते हुए मुझे आराम और ट्रेनिंग के लिए और भी वक्त लेने को कहा। फेडरेशन का यह फैसला मेरे हक में रहा। अब मैं खुद को पूरी तरह से फिट महसूस कर रहा हूं और अपने पहले ही इवेंट में ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ करके बहुत खुश हूं।’
कोहनी के ऑपरेशन के बाद पहली बार किसी स्पर्धा में भाग ले रहे नीरज ने अपने चौथे प्रयास में 85 मीटर का ओलिंपिक्स क्वॉलिफिकेशन मार्क हासिल किया। इवेंट को लेकर उन्होंने कहा, ‘हां यहां प्रतिस्पर्धा इतनी कड़ी नहीं थी, लेकिन मेरा पूरा फोकस खुद पर था। मैं बस अपनी तैयारियों को परखना चाहता था। मैं यहां किसी और से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करने के लिए उतरा था।’
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एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज ने माना कि उनके लिए फील्ड से दूर रहना आसान नहीं रहा। उन्होंने कहा, ‘मैं तकरीबन डेढ़ साल प्रतिस्पर्धा से दूर रहा। यह वक्त मेरे लिए आसान नहीं रहा। मेरी ट्रेनिंग शुरू हो चुकी थी, लेकिन प्रतिस्पर्धा में नहीं उतर पाने पर थोड़ी निराशा हो रही थी। लेकिन मैंने धैर्य से काम लिया। कोहनी के ऑपरेशन के बाद तकनीक और ऐक्शन में मुझे थोड़े बहुत बदलाव करने पड़े हैं। मुझे खुशी है कि मैंने ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर लिया है। अभी यहीं पर मैं अपने कोच और फिजियो के साथ कुछ समय और अभ्यास करूंगा।’
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